भारतीय रेल के जनक कौन थे ?
ब्रिटिश गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी को भारतीय रेलवे का जनक माना जाता है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन्होंने 1853 में अपने प्रसिद्ध रेलवे मिनट के जरिए ब्रिटिश सरकार को भारत में रेलवे शुरू करने के लिए राजी किया था। लॉर्ड डलहौजी को भारतीय रेलवे का जनक कहा जाता है।
भारत में कुल कितने रेल हैं ?
भारतीय रेलवे के स्वामित्व में भारतीय रेलवे में 12147 लोकोमोटिव , 74003 यात्री कोच और 289185 वैगन है और 8702 यात्री ट्रेनों के साथ प्रतिदिन कुल 13523 ट्रेनें चलती है। भारतीय रेलवे में 300 रेलवे यार्ड और 700 मरम्मत केंद्र है या दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेलवे सेवा है।
भारत में 16 अप्रैल 1853 को पहली यात्री ट्रेन बोरी बंदर (बॉम्बे) और ठाणे के बीच 34 किमी की दूरी पर चली थी. यह साहिब, सुल्तान और सिंध नामक तीन इंजनों द्वारा संचालित की गई थी.
रेलवे का मुख्यालय कहाँ स्थित है ?
नई दिल्ली भारत की राजधानी है। यह भारत सरकार और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के केंद्र के रूप में कार्य करती है। नई दिल्ली दिल्ली महानगर के भीतर स्थित है, और यह दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के ग्यारह ज़िलों में से एक है। भारत पर अंग्रेज शासनकाल के दौरान सन् 1911 तक भारत की राजधानी कलकत्ता था।
रेलवे का मालिक कौन है ?
भारतीय रेलवे (IR) भारत सरकार के रेल मंत्रालय के स्वामित्व में एक वैधानिक निकाय है जो भारत की राष्ट्रीय रेलवे प्रणाली का संचालन करती है।
भारत में कितने केंद्रीय स्टेशन हैं ?
भारत में कुल 5 सेंट्रल स्टेशन हैं: त्रिवेन्द्रम सेंट्रल, कानपुर सेंट्रल, मैंगलोर सेंट्रल, मुंबई सेंट्रल और चेन्नई सेंट्रल।
देश में एक ऐसी अनोखी ट्रेन भी है, जिसे छोटी रेल यात्रा के रूप में जाना जाता है। ये ट्रेन महाराष्ट्र के नागपुर से अजनी के बीच स्थित है, जिसे अजनी रेलवे के नाम से जानते हैं।
भारत की सबसे लंबी ट्रेन का नाम क्या है ?
भारत की सबसे लंबी ट्रेन का नाम सुपर वासुकी ट्रेन को लेकर दिलचस्प बात ये है, इसे स्वतंत्रता दिवस की 75वीं सालगिरह पर शुरू किया गया था। इस ट्रेन में 20 या 30 डिब्बे नहीं, बल्कि ये 295 डिब्बें लगे हैं. जिनको यह साथ लेकर चलती है. हैरानी की बात यह है कि यह ट्रेन करीबन 3.5 किलोमीटर लंबी है
भारत का नंबर वन प्लेटफार्म कौन सा है ?
अभी तक दुनिया का सबसे लंबा प्लेटफॉर्म पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में था। इसकी लंबाई 1072.5 मीटर है। री-मॉडलिंग के काम के बाद गोरखपुर जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर-1 और 2 की संयुक्त लंबाई 1366.4 हो गई है, जो कि दुनिया की सबसे बड़ी है।