अगले साल RSS के गठन के पुरे 100 साल हो जायेगे , 1925 में RSS की स्थापना हुयी थी | RSS को राष्ट्रहित में बनाया गया था जो कि RSS ने करके भी दिखाया हैं और कठिन से कठिन समय में भी संघ ने अपना कर्तव्य निभाया हैं , लेकिन RSS जब से बना है तब से लेकर अब तक काफी विवादों में भी रहा है और इस पर आजादी से लेकर अब तक तीन बार बैन लग चुका है। हालांकि समय पर यह बैन हटाया भी गया है।
RSS पर बैन कब कब लगा है?
पहला बैन RSS पर पहला प्रतिबंध पंजाब प्रांत में 24 जनवरी 1947 को सत्तारूढ़ यूनियनिस्ट पार्टी के प्रमुख मलिक खिजर हयात तिवाना द्वारा लगाया गया था, जो एक ऐसी पार्टी थी जो पंजाब के जमींदारों और जमींदारों के हितों का प्रतिनिधित्व करती थी, जिसमें शामिल थे मुस्लिम, हिंदू और सिख। RSS के साथ-साथ मुस्लिम नेशनल गार्ड पर भी बैन लगा दिया गया था। 28 जनवरी 1947 को बैन हटा लिया गया।
आज़ादी के बाद पहली बार RSS पर बैन
पहली बार RSS पर बैन 4 फरवरी 1948 को लगाया गया था ,1948 में RSS पर बैन लगने की वजह महात्मा गांधी की हत्या थी , 4 फरवरी से ठीक 5 दिन पहले 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की गोली मारकर हत्या कर दी थी और नाथूराम गोडसे का संबंध RSS से था इसलिए के 5 दिन के 5 दिन बाद ही RSS पर बेन लगा दिया गया।
हालांकि 18 महीने बाद 11 July 1949 यह प्रतिबंध वापस हटा दिया गया। क्योंकि गांधी जी की हत्या और RSS के मध्य कोई भी संबंध नहीं था ना ही कोई इसके साक्ष्य मिले थे। गांधी जी की हत्या नाथूराम गोडसे का व्यक्तिगत फैसला था।
दूसरी बार RSS पर बैन –
दूसरी बार RSS पर बैन इंदिरा गांधी के समय 1975 में लगा था देश में इमरजेंसी लागू की थी तब RSS बैन कर दिया गया था। इस बार जब एमरजैंसी हटी तब वापस इस बैन को हटा दिया गया।
तीसरी बार RSS पर बैन –
जब राम जन्म भूमि पर बने विवादित ढांचे को तोड़ दिया गया था तब RSS पर बैन लगा दिया गया था लेकिन इस बार भी RSS पर लगा बैन कुछ टाइम बाद वापस हटा लिया गया।
RSS विश्व का सबसे बड़ा एनजीओ है और यह भारत में हर परिस्थिति रहता में आगे रहता है चाहे युद्ध में सेना की मदद हो या गुजरात के भूकंप हो या दक्षिण में सुनामी या फिर कोविड-19 RSS ने सबसे! आगे रहकर देश की सेवा की है और अपने राष्ट्र हित का प्रमाण दिया है।
कैसी लगी आपको यह जानकारी हमें कमेंट में बता सकते हैं |